सिर्फ एक लाख में Tata Nano न्यू लुक के साथ रतन टाटा ला रहे है दुबारा । अब हर भारतीय का होगा कार का सपना पूरा

अब Tata करेगी हर भारतीय के car का सपना पूरा नई Tata Nano आ रही है ऑल्टो से भी काम कीमत में, देखिए नया लुक और फीचर्स

 रतन टाटा कहते है:- मैं अक्सर लोगो को अपनी फैमिली के साथ एक छोटे से स्कूटर पर जाते देखता था जो मेरे मन को बहुत आहत करता था, यही से मुझे हर भारतीय के लिए एक सस्ता कार बनाने की प्रेरणा मिली । पहले हर वो भारतीय जो अपनी कार लेने की इच्छा तो रखता था लेकिन ले नही पाता था । फिर मैंने लोगो को एक सपना दिखाया अपनी family के लिए एक सस्ता कार लेने का और Nano ने के जरिए इसको साकार भी कर दिया । यह सपना सच तो हुआ लेकिन इसे सफलता नहीं मिल सकी ।
अब हर भारतीय का अपनी कार लेने का सपना होगा पूरा नई Tata Nano आ रही है ऑल्टो से भी कम कीमत में, देखिए नया लुक और फीचर्स।
जी हां, हम बात कर रहे है नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा की । दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में मुंबई में हुआ था और अभी उनका उम्र 85 साल है ।
आज हम आपको बताएंगे कि कैसे रतन टाटा ने मिडिल क्लास फैमिली के लिए इस सपना तो देखा लेकिन उनको सफलता न मिल पाई । साल 2008 में रतन टाटा ने पहली बार दुनिया को टाटा नैनो की पहली झलक दुनिया को दिखाई और साल 2009 में टाटा मोटर्स कंपनी की टाटा नैनो भारत की सड़को पर दिखने भी लगी । और इस कार की कीमत मात्र एक लाख रुपए रखी गई थी । हालाकि, लॉन्च होने के कुछ साल में ही टाटा नैनो मार्केट से गायब होने लगी । वहीं, BS-IV उत्सर्जन मानदंड लागू होने के बाद नैनो कार को बंद करने का फैसला किया गया। 
अब हर भारतीय का अपनी कार लेना सपना होगा पूरा नई TATA Nano आ रही है आल्टो से भी कम कीमत में, देखिये नया लुक और फीचर्स

 इंस्टाग्राम पोस्ट में रतन टाटा ने नैनो को लेकर अपना एक किस्सा साझा किया 
Ratan Tata ने मिडिल क्लास फैमिली के लिए देखा था सपना जो 86वे जन्म दिन पर फिर पूरा होने जा रहा है । रतन टाटा जी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया था – मैं डूडल बनाते हुए अक्सर सोचता था की बाइक ही सुरक्षित हो जाएं तो सही रहेगा । ऐसा सोचते सोचते मैंने एक कार का डूडल बनाया, जो एक बग्गी जैसा दिखता था । फिर मुझे कार बनाने का आइडिया आया और मैं आम लोगो के लिए टाटा नैनो लेकर आया । यह कार हमारे देश के आम लोगो के लिए थी ।
Tata Nano के नाकाम होने की वजह 
रतन टाटा का यह सपना सच होकर भी बुरी तरह बिखर गया। टाटा नैनो के नाकाम होने की वजह इसके टैग को माना गया। तमाम एक्सपर्ट यह मानते हैं कि लोगों ने गरीबों की कार के टैग या लखटकिया कार के नाम को हीन भावना से जोड़ कर देखा। यही वजह है कि नैनो कार फ्लॉप हो गई।

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